जो सत्य साधना तथा तत्वज्ञान का प्रचार परमेश्वर के पूर्वोक्त परमेश्वर के अवतार सन्त किया करते थे। जिससे आपसी प्रेम था, एक दूसरे के दुःख में दुःखी होते थे, असहाय व्यक्ति की मदद करते थे, वही शास्त्राविधि अनुसार साधना तथा वही आध्यात्मिक यथार्थ ज्ञान सत्यपुरूष के अवतार सत्यपुरूष के अवतार संत रामपाल दास जी महाराज को परमेश्वर कबीर साहेब जी ने प्रदान किया है। मार्च 1997 को फाल्गुन मास की शुक्ल प्रथमा का दिन के दस बजे जिन्दा महात्मा के रूप में सत्यलोक से आकर सत्यपुरूष के अवतार सन्त रामपाल दास जी महाराज को सतनाम तथा सारनाम दान करने का आदेश देकर अन्तध्र्यान हो गए।
कबीर परमात्मा के अवतार सन्त रामपाल दास जी महाराज भी परमेश्वर (परम अक्षर ब्रह्म) के उन अवतारों में से एक हैं जो आध्यात्मिक ज्ञान के द्वारा अधर्म का नाश करते हैं। अब विश्व में शांति होगी। सर्व धर्म तथा पंथों के व्यक्ति एक होकर आपस में प्रेम से रहा करेंगे। राजनेता भी निर्भिमानी, न्यायकारी तथा परमात्मा से डर कर कार्य करने वाले होंगे। जनता के सेवक बनकर निष्पक्ष कार्य किया करेंगे। धरती पर पुनः सत्ययुग जैसी स्थिति होगी। वर्तमान में धरती पर वह अवतार सन्त रामपाल दास जी हैं। अब घर-2 में परमेश्वर के ज्ञान की चर्चा होगी।
जहां गांव व शहरों में तथा पार्कों में बैठकर ताश खेलते है। कोई राजनीतिक बातें करता है, कोई अपने पुत्रों तथा पुत्र वधुओं की अच्छे या निकम्में होने की चर्चा करते हैं वहां परमेश्वर की महिमा की चर्चा होगी तथा ‘‘ज्ञान गंगा’’ पुस्तक में लिखे ज्ञान पर विचार हुआ करेगा। परमात्मा की महिमा करने मात्रा से भी जीव पुण्य का भागी बनता है। फिर शास्त्राविधि अनुसार साधना करके जीवन सुखी बनाऐंगे तथा आत्म कल्याण करायेंगे। धरती पर कलयुग में सत्ययुग जैसा समय आयेगा। मेरा (लेखक का) कल्याण भी वहीं से हुआ है। सम्पूर्ण विश्व में एक मात्रा आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति स्थान:-
सत्यलोक आश्रम
चण्डीगढ़ रोड़ बरवाला, जि. हिसार, (हरियाणा) भारत।
सत् साहेब
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